छल छल बहती जीवन धारा, खोज रहा क्या ये जग सारा: वरिष्ठ कवयित्री अंजु शर्मा
वरिष्ठ कवयित्री अंजु शर्मा ने अपनी रचना “छल छल बहती जीवन धारा, खोज रहा क्या ये जग सारा” के माध्यम से जीवन की गहराई और मानव मन की खोज को संवेदनशील अभिव्यक्ति दी। उनकी कविता श्रोताओं को आत्ममंथन के लिए प्रेरित करती है।
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