जल, थल और नभ से कांवड़ यात्रा की निगरानी! योगी सरकार की हाईटेक सुरक्षा में दिख रहा महाकुंभ जैसा प्रबंधन
संवदाता – प्रशांत पंवार
लखनऊ, 12 जुलाई 2025 |
श्रावण मास में आयोजित कांवड़ यात्रा अब केवल आस्था का पर्व नहीं रह गया है — यह तकनीकी और प्रशासनिक दृष्टि से एक हाईटेक महायात्रा बन चुकी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की निगरानी में इस बार कांवड़ यात्रा की सुरक्षा और व्यवस्था को महाकुंभ की तर्ज पर अभूतपूर्व स्तर पर संचालित किया जा रहा है।
इस बार उत्तर प्रदेश की पुलिस और प्रशासनिक मशीनरी ने यात्रा को जल, थल और नभ तीनों मोर्चों पर सुरक्षा कवच से घेर लिया है — जहां नदियों पर जल पुलिस, सड़कों पर ATS, RAF और QRT बल, और आकाश से एंटी-ड्रोन और टीथर्ड ड्रोन कांवड़ यात्रियों की गतिविधियों पर पल-पल नजर रख रहे हैं।
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मार्डन कंट्रोल रूम में 24 घंटे रियल टाइम मॉनिटरिंग
लखनऊ स्थित पुलिस मुख्यालय में एक अत्याधुनिक मार्डन कंट्रोल रूम बनाया गया है, जहां से पूरे कांवड़ मार्ग की हर गतिविधि की 24×7 निगरानी की जा रही है।
➡️ 29,454 CCTV कैमरे
➡️ 395 हाइटेक ड्रोन
➡️ 1845 जल सेवा केंद्र
➡️ ATS, RAF, QRT की तैनाती
➡️ सोशल मीडिया मॉनिटरिंग सेल
इन सभी माध्यमों से यात्रा पर व्यापक नियंत्रण रखा जा रहा है।
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हवा से नजर रख रहे ड्रोन, जमीन पर सक्रिय ATS
टीथर्ड ड्रोन की मदद से एक स्थान पर स्थिर रहकर भीड़ की स्पष्ट और विस्तृत निगरानी की जा रही है, वहीं हाईटेक मोबाइल ड्रोन किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत सूचना मुख्यालय को दे रहे हैं।
ATS और RAF जैसी स्पेशल फोर्सेज जमीन पर ड्यूटी में लगी हुई हैं, जो यात्रा मार्ग पर सुरक्षा व्यवस्था और भीड़ नियंत्रण की जिम्मेदारी संभाल रही हैं।
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सोशल मीडिया और अफवाहों पर भी नजर
कांवड़ यात्रा के दौरान अफवाहों और भ्रामक सूचनाओं से निपटने के लिए एक 8 सदस्यीय सोशल मीडिया सेल को 24 घंटे एक्टिव रखा गया है। यह टीम इंस्टाग्राम, फेसबुक, ट्विटर सहित अन्य प्लेटफॉर्म पर निगरानी कर रही है।
भ्रामक पोस्ट सामने आने पर तुरंत संबंधित जिले को अलर्ट भेजा जा रहा है, साथ ही कंटेंट हटाने की कार्रवाई भी की जा रही है।
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बारकोड से सीधे संपर्क, व्हाट्सएप से रियल टाइम समन्वय
यात्रियों को किसी भी परेशानी से बचाने के लिए
🔹 587 राजपत्रित अधिकारी
🔹 13,520 उपनिरीक्षक
🔹 50 PAC कंपनियां
🔹 1,486 महिला सब इंस्पेक्टर
🔹 8,541 महिला आरक्षी
🔹 1,424 होमगार्ड्स
तैनात किए गए हैं।
यात्रियों की सुविधा के लिए एक बारकोड सिस्टम लागू किया गया है, जिससे श्रद्धालु ट्रैफिक डायवर्जन, पुलिस संपर्क और निर्देशों की जानकारी तुरंत अपने मोबाइल पर प्राप्त कर सकते हैं।
साथ ही यूपी, उत्तराखंड, हरियाणा, दिल्ली और राजस्थान के अधिकारियों का एक इंटर-स्टेट व्हाट्सएप ग्रुप बनाया गया है, जिससे रूट, सुरक्षा और भीड़ नियंत्रण से जुड़ी सूचनाएं रियल टाइम साझा की जा रही हैं।
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क्या है एंटी ड्रोन और टीथर्ड ड्रोन की खासियत?
एंटी ड्रोन सिस्टम — ये सिस्टम रडार और सेंसर से ड्रोन की पहचान कर उसे जाम या नष्ट करने में सक्षम हैं। यह सिस्टम दो तरह से कार्य करता है:
🟢 Soft Kill: ड्रोन का कंट्रोल जाम कर देना
🔴 Hard Kill: लेज़र या मिसाइल द्वारा ड्रोन को नष्ट करना
टीथर्ड ड्रोन — ये ड्रोन एक विशेष केबल से जुड़े रहते हैं, जिससे इन्हें हवा में स्थिर उड़ान बनाए रखने में मदद मिलती है।
✅ ये अधिक समय तक उड़ान में रह सकते हैं
✅ लाइव फीड निरंतर भेजते हैं
✅ आपातकालीन निगरानी में बेहद कारगर साबित होते हैं
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निष्कर्ष: कांवड़ यात्रा में तकनीक और आस्था का अद्वितीय संगम
योगी सरकार ने इस बार कांवड़ यात्रा को केवल धार्मिक आयोजन नहीं रहने दिया, बल्कि उसे सुरक्षा, सुविधा और सुशासन का प्रतीक बना दिया है। महाकुंभ के मानकों को ध्यान में रखते हुए लागू की गई यह व्यवस्थाएं उत्तर प्रदेश में प्रशासनिक दक्षता और तकनीकी सामर्थ्य का नया उदाहरण पेश कर रही हैं।




